मैं तुम्हारी आत्मीयता से गदगद हूँ
मैं तुम्हारे प्रेम से ओतप्रोत हूँ
इस प्यार के अंकुर को और पनपने दो
तुममें विलीन होने को मैं तत्पर हूँ।
तुम्हारे प्रेम से मुझे जो शक्ति मिली है
तुम्हें पाने से मुझे जो भक्ति मिली है
इस संसार को मैं कैसे बताऊँ
तुम्हें पाने के लिये मैंने कितनी मन्नतें की हैं।
जीवन के पलों को तुमने बाँध रखा है
जीवन की हर घड़ी को तुमने थाम रखा है
तुम्हें अपने में कैसे दिखलाऊँ
कि ये सारी पंक्तियाँ केवल तुम्हारे लिये लिखी हैं।